Tuesday, February 5, 2019

जब सौंप दिया इस जीवन को


६ फरवरी २०१९ 
संत कहते हैं परमात्मा हमारे पल-पल की खबर रखता है. हम उसकी ओर एक कदम बढ़ाते हैं तो वह हजार कदम बढ़ाकर हमें अपनी छाया से ढक लेता है. जीवन की धूप में तब हम क्लान्ति का अनुभव नहीं करते, सहज ही हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तत्पर हो जाते हैं. हर हाल में पहला कदम हमें ही उठाना होता है. बड़ी सावधानी से अपनी प्राथमिकताओं को तय करना होता है, जो भी उसके मार्ग पर चलने में बाधक है, उसे काटते-छांटते जाना होता है. जब आत्मा को पूर्ण निश्चय हो जाता है कि शुभता और सम्पूर्णता ही उसका लक्ष्य है, तब अदृश्य की ओर से सहायता मिलने लगती है. गैर-जरूरी हटने लगता है और श्रद्धा को बल मिलता है. यह जगत उसकी ही कृति है, वह इसकी रग-रग से वाकिफ है, इसलिए साधक स्वयं को अस्तित्त्व को सौंप कर निश्चिन्त हो जाता है. जो भी उसके जीवन में होगा वह उसके विकास में सहायक ही होगा, ऐसा मानकर वह सहजता पूर्वक अपने कर्म का निष्पादन करता है.  

No comments:

Post a Comment