२७ फरवरी २०१९
अन्याय का सामना करना और उसका प्रतिकार करना एक सैनिक का धर्म है.
हमारे देश की सेना अपने शौर्य और पराक्रम के लिए सारे विश्व में जानी जाती है. यह
सेना संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेनाओं का अनेक बार अंग रही है और देश में अनेक
आपदाओं से नागरिकों की रक्षा करने में इसने अपना योगदान दिया है. आज भारत के
इतिहास में एक यादगार दिवस है जब भारतीय वायु सेना ने बड़ी बहादुरी से पड़ोसी देश
में स्थित आतंक के ठिकानों को नष्ट किया है. देश आज एक राहत की साँस ले रहा है और
यह बात उसे भरोसा देती है कि भविष्य में होने वाली आतंकवादी घटनाओं के स्रोत को ही
नष्ट कर दिया गया है. आजादी के बाद से ही कश्मीर को हथियाने के लिए पड़ोसी देश ने
कितने युद्ध किये लेकिन एक में भी सफल नहीं हुआ, तब उसने छद्म युद्ध का सहारा लिया
और आतंकवादियों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने लगा. आज भी सारे विश्व में अलग-थलग
हुआ वह देश आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने से इंकार कर रहा है, इसका अर्थ
है कि कहने को वे आतंकवादी हैं वास्तव में वे उसकी सेना का एक भाग ही हैं.
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 88वां बलिदान दिवस - पंडित चंद्रशेखर आजाद जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।
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