मकर संक्रांति का
त्यौहार पूरे देश में भिन्न-भिन्न नामों से मनाया जाता है, हर उत्सव पर हम ईश्वर
से प्रार्थना करते हैं, उसके करीब जाते
हैं, मन के उल्लास को जगाते हैं, उत्सव हमें मन को इतर कार्यों से खाली करने का प्रयास है, अथवा तो जो
भी अच्छा-बुरा जीवन में हो उसे समर्पण करके पुनः नए हो जाने का संदेश देता है. उत्सव
में एक साथ मिलकर जब आनंद मनाते हैं, तो ऊर्जा का संचार होता है, भीतर एक नया जोश
भर जाता है. क्षण भर के लिए ही भौतिक देह का भाव मिटने लगता है, सारे भेद गिर जाते
हैं और उस अव्यक्त की झलक मिल जाती है.
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