Sunday, July 2, 2017

स्वयं को जिसने जान लिया है

३ जुलाई २०१७ 
हम परमात्मा की पूजा करते हैं, उससे अपने व परिवार जनों के सुख के लिए प्रार्थना करते हैं. किन्तु मन में किसी न किसी रूप में संदेह बना ही रहता है. यदि किसी को उस पर पूर्ण विश्वास हो तो मौन ही उसकी प्रार्थना होगी, तब उसे कुछ माँगने की जरूरत ही नहीं होगी. परमात्मा से हमारा रिश्ता बिलकुल वैसा ही है जैसा खुद के साथ होता है. जितना-जितना खुद से हमारा परिचय प्रगाढ़ होता जाता है, खुदा हमारे करीब होता जाता है. यदि कोई स्वयं को बेशर्त प्रेम करता है तो परमात्मा को प्रेम करता ही है. स्वयं को प्रेम करने के लिए खुद को जानना भी तो आवश्यक है. यदि हम स्वयं को जानते हैं तो ही उसे भी जानते हैं.

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