२४ जुलाई २०१७
केवल वर्तमान का यह नन्हा सा पल ही सत्य है. यही क्षण अपने भीतर अनंत को छुपाये
है. जैसे एक परमाणु में असीम शक्ति छिपी है वैसे ही एक क्षण में अनंत समय छिपा है.
वर्तमान में रहने की कला ही ध्यान है. यदि कोई इस कला को सीख लेता है तो वह कभी
समय की कमी महसूस नहीं करता. वास्तव में वर्तमान के सिवा कोई समय ही नहीं है, सब
कुछ इसी क्षण में है और इसी वक्त है. अनंत काल जो बीत गया और अनंत काल जो आने वाला
है, वह इसी क्षण में है अन्यथा नहीं है. जो आज अतीत बन गया है, वह तो अभी है नहीं,
जो भावी है वह भी अभी नहीं है. धर्म का अनुभव वर्तमान में ही हो सकता है.
गहरे विचारों का प्रवाह ... जो है बस अभी है ... सत्य के कितने निकट ...
ReplyDeleteस्वागत व आभार दिगम्बर जी !
ReplyDelete