१८ जुलाई २०१७
संत कहते हैं, जिसकी हमें तलाश है वह मिला ही हुआ है. वे कहते हैं, यकीन कर लें
और अपनी जेबें जरा टटोलें, हीरा पड़ा है.. जो इस बात पर यकीन करके खोजेगा सचमुच
हीरा मिल जाएगा. मिलते ही जोर से हँसी आती है तब. खुद को ही खोजते-फिरते रहे थे, खुद
को ही मिल नहीं पाते. जिनकी नजरें सदा बाहर लगी हैं भीतर कभी झांक ही नहीं पाते. एक
दिन जब उसकी खबर हो जाएगी जो भीतर छिपा है तब एक ऐसा फूल खिलेगा, जो कभी नहीं
मुरझाता. ऐसा नहीं होता तो कोई दिल भक्ति के गीत नहीं गाता.
No comments:
Post a Comment