वर्तमान समय, जीवन जब एक तरफ कोरोना के कारण आपदा में घिरा है तो दूसरी ओर मानवीय शक्ति और क्षमता को परखने का स्वर्ण काल भी है. जीवन को किस तरह बचाएं इसके लिए दुनिया भर में वैज्ञानिक शोध कार्य कर रहे हैं. कम साधनों में किस तरह जीवन चलाएं इसके प्रति भी लोग सजग हो रहे हैं. भौतिकता को त्याग सादा जीवन उच्च विचार की परिपाटी पर चलने का समय भी यही है. कितने ही व्यवसाय बन्द हो चुके हैं, साथ ही कार्य के नए - नए क्षेत्र भी खुल रहे हैं. निराश होकर उदास होने का समय नहीं है, यह सजग और सतर्क रहकर जीवन को इस प्रकार जीने का समय है कि कम से कम ऊर्जा की खपत हो और अधिक से अधिक साधन बचाये जा सकें. वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना काल अभी लम्बा खिंचने वाला है. देश को अधिक दवाइयों, स्वास्थ्यकर्मियों व अस्पतालों की जरूरत होगी, साथ ही देशवासियों को अधिक मनोबल और मानसिक शक्ति की भी जरूरत होगी. नियमित जीवनशैली अपना कर, जिसमें योग, ध्यान हो, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार हों तथा समाज व देश के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाने की ललक हो तो हम इस विपदा काल में भार नहीं बनेंगे बल्कि भार वाहक बन सकते हैं.
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ReplyDeleteउपयोगी सन्देश।
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